हिमालयी इलाके में फंसे मुख्य चुनाव आयुक्त पहुंचे देहरादून, यहां से दिल्ली के लिए हुए रवाना
उनके सकुशल होने की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली
केंद्रीय चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) आज (गुरुवार) सुबह हेलिकॉप्टर से मुनस्यारी से देहरादून के लिए रवाना हुए। खराब मौसम के चलते बुधवार को उनका हेलीकॉप्टर पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में फंस गया था। जिसके बाद पायलट ने उच्च हिमालयी क्षेत्र के रालम गांव में इमरजेंसी लैंडिंग की थी। उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था। सभी लोग सुरक्षित हैं। इसके बाद यहां से राजीव कुमार दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
दरअसल राजीव कुमार दिल्ली से बुधवार (16 अक्टूबर) सुबह पौने 11 बजे जौलीग्रांट हवाई अड्डे होते हुए मुनस्यारी पहुंचे। करीब एक बजे हेलिकॉप्टर मुनस्यारी से निकला लेकिन 50 मिनट बाद 42 किमी दूर पहुंचने पर मौसम खराब हो गया। मौसम खराब होने की वजह से पायलट को हेलीकाप्टर आगे ले जाना मुश्किल हो रहा था, जिस वजह से पायलट ने मजबूरन रालम में हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करी दी। यहां से मिलम लगभग 22 किमी दूर है।
अधिकारियों ने सेटेलाइट फोन के जरिये इसकी सूचना देहरादून दी। उच्चाधिकारियों ने केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त से फोन पर वार्ता की। उनके सकुशल होने की जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। रालम गांव में सड़क, बिजली और संचार सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। बता दें कि वर्तमान में गांव में कोई व्यक्ति नहीं है क्योंकि सर्दी शुरू होने के साथ ग्रामीण निचले इलाकों में लौट आए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त के आज सुबह सकुशल मुनस्यारी पहुंचने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली। पिथौरागढ़ जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी ने बताया कि हेलिकॉप्टर पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, उत्तराखंड के अपर मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे समेत चार लोग लोग सवार थे। सभी लोग 12 घंटे बाद देर रात्रि मालम गांव में रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचे। रालम में मुख्य चुनाव आयुक्त सभी लोगों के साथ एक घर में ठहरे हुए थे। सभी लोग सुरक्षित हैं।
उन्होंने बताया कि मिलन और पातू दो अलग-अलग रास्ते से 48 रेस्क्यू टीम ट्रैक के लिए लगी थी। गुरुवार को मौसम ठीक होने पर पायलट सभी लोगों को हेलिकॉप्टर से मुनस्यारी हेलीपैड लेकर पहुंचा। इसके बाद हेलिकॉप्टर से देहरादून के लिए रवाना हुए। इस दौरान आईटीबीपी के जवान, मेडिकल टीम और पांतू गांव के ग्रामीण भोजन, दवा व अन्य आवश्यक सामान लेकर मौजूद रही।