अमित शाह द्वारा कोरबा को कठिन सीट बताने के दूसरे दिन CM साय डेरा डालने आ रहे
गुरुवार शाम को कोरबा पहुंच रहे मुख्यमंत्री सीएसईबी रेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे
कोरबा, 02 अप्रेल (Punch Media Election Desk) : छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट (Korba LokSabha) से डा. सरोज पाण्डेय जीताने के लिए भाजपा (BJP) ने पूरी ताकत झांक दी है। बुधवार को कटघोरा की चुनावी सभा में देश के गृह मंत्री एवं पार्टी कद्दावर नेता अमित शाह द्वारा कोरबा को कठिन सीट बताने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय यहां डेरा जमाने आ रहे हैं।
गुरुवार शाम को कोरबा पहुंच रहे मुख्यमंत्री सीएसईबी रेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। इस दौरान वे रात्रि 8 से 9 बजे तक शहर के राताखार में स्थित जश्न- ए- रिसार्ट में सामाजिक क्षेत्र के लोगों से मुलाकात करेंगे। बताया गया है कि सीएसईबी रेस्ट हाउस में भी वे पार्टी नेताओं सहित अन्य लोगांं से मुलाकात करेंगे।
कहा जा रहा है कि कोरबा लोकसभा सीट भाजपा किसी भी स्थिति में जीतना चाहती है। भाजपा हाईकमान के लिए कोरबा सीट प्रतिष्ठा वाली बन गई है। डा. सरोज पाण्डेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पसंद की उम्मीदवार हैं। मैदानी स्तर से जो रिपार्ट्स आ रही हैं उसके मुताबिक भाजपा के लिए कोरबा सीट को आसानी से निकालना संभव नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के साथ कड़े मुकाबले की स्थिति बन रही है।
बुधवार को कटघोरा में चुनावी सभा लेने आए गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोरबा को कठिन सीट करार दिया था। गृह मंत्री शाह के कोरबा को कठिन सीट बताने के दूसरे दिन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णु देव साय यहां डेरा जमा रहे हैं। मुख्यमंत्री सामाजिक क्षेत्र के साथ ही पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार सीएम पर भी कोरबा से डा. सरोज पाण्डेय को चुनाव जीताने का दबाव आया है।
जो खबरें आ रही हैं उसे मानें तो पार्टी को पाली तानाखार से ज्यादा खतरा है। यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का वर्चस्व है, लेकिन लोकसभा चुनाव में गोंड समाज का वोट बल्क में कांग्रेस को पड़ते आ रहा है। जीजीपी ने अपना उम्मीदवार मैदान पर उतारा है, लेकिन प्रचार में सक्रियता नहीं दिख रही है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका लाभ कहीं कांग्रेस को तो नहीं मिलने जा रहा है।
रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा के लिए रिपोर्ट कुछ ठीक नहीं आ रही है। मतदान को केवल चार दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में भाजपा, कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों के लिए करो या मरो की स्थिति बन गई है।