प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुजरात के द्वारका में ओखा और बेट द्वारका को जोड़ने वाले सिग्नेचर ब्रिज सुदर्शन सेतु को राष्ट्र को समर्पित किया। इस सेतु की लम्बाई लगभग दो किलोमीटर और 320 मीटर है तथा यह देश का सबसे लम्बा केबल पुल है।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राचीन द्वारका देखने के लिए गहरे सागर में जाने का उनका दशकों पुराना सपना आज साकार हो गया। श्री मोदी ने कहा कि सुदर्शन सेतु केवल एक सुविधा ही नहीं है बल्कि यह इंजीनियरिंग का एक बहुत अनूठा उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने द्वारका की स्वच्छता की सराहना की और लोगों से भविष्य में ऐसी ही स्वच्छता बनाए रखने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर इच्छाशक्ति की कमी और आम जनता के सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध न होने का आरोप लगाया। श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ तीर्थ स्थल आधुनिक बन रहे हैं और दूसरी तरफ आधुनिक विशाल परियोजनाएं नए भारत की नई तस्वीर प्रस्तुत कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने चार हजार एक सौ पचास करोड रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया और आधारशिला रखी। सुदर्शन सेतु एक अद्भुत डिजाइन से तैयार किया गया है जिसके दोनों ओर फुटपाथों को श्रीमद भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजाया गया है। इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्सों पर सौर पैनल भी लगाये गये हैं जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है। इस पुल से द्वारका और बेट द्वारका के बीच श्रद्धालुओं के यात्रा की दूरी भी कम हो जायेगी और आवागमन आसान हो जायेगा। पुनर्निर्माण से पहले तीर्थ यात्रियों को बेट द्वारका जाने के लिए नौकाओं पर निर्भर रहना पड़ता था। यह पुल देवभूमि द्वारका के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में भी देखा जायेगा।
प्रधानमंत्री ने वाडीनार में पाईपलाइन परियोजना और राज्य में तीन रेल विद्युत परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग 927 के धोराजी-जामकन्डोरना- कालावाड़ खंड के चौड़ीकरण और जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र सहित कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने राजकोट-ओखा, राजकोट-जेतलसार-सोमनाथ और जेतलसार-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम राजकोट में 48 हजार एक सौ करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री पांच नए एम्स भी देश को समर्पित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ग्यारह हजार पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक की दो सौ से अधिक स्वास्थ्य देखभाल ढांचागत परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे।