सरकार ने परिवहन ईंधन में ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen) के इस्तेमाल की पायलट परियोजना आरंभ करने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत दिशानिर्देश जारी किए।
ग्रीन हाइड्रोजन पवन और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पानी में बिजली दौड़ा कर इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया से उत्पादित किया जाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइज़र की कीमत में कमी आने से अगले कुछ वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन चलित वाहन प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन जीवाश्म ईंधन के स्थान पर हरित हाइड्रोजन और उसके ऊर्जा मिश्रण के इस्तेमाल की पायलट परियोजना लागू करेगा। इन परियोजनाओं को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नामित एजेंसियों शुरू करेंगी।
योजना के अंतर्गत बस, ट्रक और चार पहिया वाहनों के ईंधन में ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल की प्रौद्योगिकी विकसित की जाएगी। साथ ही हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले पम्प स्टेशनों के बुनियादी ढांचे भी विकसित होंगे।