दुर्ग, 13 मई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला पुलिस (Durg Police) ने सड़क दुर्घटना में पीड़ित के अधिकार तथा मुआवजा एवं बीमा की राशि से संबंधित जानकारी साझा करने की पहल की है।
सोमवार को पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला द्वारा सड़क दुर्घटना में मृतक एवं गंभीर घायल को प्राप्त अधिकारी से संबंधित तख्ती का विमोचन किया गया। समस्त राजपत्रित, थाना एवं चौकी प्रभारियों को अपने थाना व चौकी में तख्ती लगाकर पीडितों के अधिकार एवं सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया।
सड़क दुर्घटना में पीडित के अधिकार निम्नानुसार हैं : सड़क दुर्घटना में पीड़ित का अधिकार (अज्ञात वाहन) होने पर
- हिट एण्ड रन सोलेशियम योजना – Hit and Run Solatium Fund Scheme (अज्ञात वाहन होने पर) 01 अप्रैल 2022 से लागू मृतक के परिजन को 02 लाख रूपये, गंभीर घायल को 50 हजार रूपये आर्थिक सहायता
- आवेदक की प्रक्रिया- पीडित या मृतक के वैध परिजन के द्वारा सडक दुर्घटना में गंभीर घायल/मृत्यु होने पर आवेदन तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किया जाये।
नोटः
- मृत्यु होने पर जरूरी दस्तावेज थाना एफआईआर, पीएम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, खात्मा रिपोर्ट ।
- गंभीर घायल होने पर जरूरी दस्तावेज थाना एफआईआर, एमएलसी, खात्मा रिपोर्ट।।
- समय सीमा- प्रकरण कायमी दिनांक से 06 माह के भीतर तहसीलदार के समक्ष दावा प्रस्तुत करें। यदि किसी कारणवश प्रकरण 06 माह में प्रस्तुत न हो तो उचित कारण के साथ घटना दिनांक से 12 माह के अवधि के अंतर्गत दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। जैसे-प्रकरण खात्मा देरी होने पर, गंभीर घायल की अवस्था में अस्पताल में ईलाज जारी रहने, शहर से बाहर रहने पर।
- समय सीमा- प्रत्येक हिट एंड रन के प्रकरणों में विवेचक द्वारा 30 दिनो के भीतर संबंधित न्यायालय/विविध प्राधिकरण को सूचना देना
केन्द्रीय मोटरयान नियम 2022 (पांचवा संशोधन) के अंतर्गत पीड़ित का अधिकार
जांचकर्ता अधिकारी द्वारा
- 48 घंटे के अंतर्गत प्राप्त अधिकार- सडक दुर्घटना के प्रकरण में 48 घंटे के भीतर पीडित या पीडित के परिजन को जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा प्रारूप 1 प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट भरकर उपलब्ध कराया जायेगा एवं बीमा कंपनी को सूचना दी जाएगी।
- 10 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा सड़क दुर्घटना के पीडित को प्रारूप 2 में उल्लेखित स्कीम का प्रवाह चार्ट विवरण पीडित व उसके वैध उत्तराधिकारी को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करायेगें। (जिसमें बीमा कैसे प्राप्त होगी प्रक्रिया)
- 50 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा सड़क दुर्घटना के पीड़ित को प्रारूप 5 में अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाये तथा एक प्रति पीड़ित को उपलब्ध करायेगें।
- 90 दिन के भीतर- जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा दुर्घटना के पीडित एवं वैध उत्तराधिकारी को 90 दिवस के भीतर प्रारूप 7 विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध करायेगें।
बीमा कंपनी द्वारा
- समय सीमा- प्रकरण कायमी दिनांक से 06 माह के भीतर तहसीलदार के समक्ष दावा प्रस्तुत करें। यदि किसी कारणवश प्रकरण 06 माह में प्रस्तुत न हो तो उचित कारण के साथ घटना दिनांक से 12 माह के अवधि के अंतर्गत दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। जैसे-प्रकरण खात्मा देरी होने पर, गंभीर घायल की अवस्था में अस्पताल में इलाज जारी रहने, शहर से बाहर रहने पर।
- 06 माह के भीतर- यदि आवेदनकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा दी जा रही मुआवजा राषि उचित लगता है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी 06 माह के अंदर पीडित को बीमा की राषि उपलब्ध करायेगा।
- 09 माह के भीतर- यदि आवेदनकर्ता को बीमा कंपनी द्वारा दी जा रही मुआवजा राशि उचित नहीं लगता है तो वह दावा न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करेगा और न्यायाधिकराण द्वारा प्रस्तुतकर्ता का तर्क सुनने के पश्चात बीमा कंपनी को जो उचित राशि पीडित को प्रदान करने हेतु आदेशित करेगा उसे बीमा कंपनी द्वारा 09 माह के भीतर पीडित को बीमा की राषि उपलब्ध कराना होगा।
- 12 माह के भीतर- बीमा कंपनी के द्वारा जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करती है तो 12 माह के भीतर निराकरण हेतु विधिक न्यायालय को पेश करेगा।