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राहुल गांधी ने मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का किया आगाज, भाजपा व आरएसएस पर बोला हमला

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा हाइब्रिड मोड में करने की वजह भी बताई

रविवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आगाज किया। इससे पहले खोंगजोम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का मणिपुर बीजेपी और आरएसएस की नफरत की राजनीति का प्रतीक है। उन्होंने मणिपुर की अनदेखी के लिए पीएम मोदी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा। लेकिन आज तक देश के प्रधानमंत्री मणिपुर में लोगों के आंसू पोछने नहीं आए। यह शर्म की बात है।

यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 29 जून को में मणिपुर आया था। उस यात्रा के दौरान जो मैंने देखा, जो मैंने सुना, मैंने उससे पहले न कभी सुना था न देखा था। मैं 2004 से राजनीति में हूं। पहली बार में हिंदुस्तान के एक प्रदेश में गया जहां, हुकूमत का पूरा आधारभूत संरचना ढह गया था। जिसको हम मणिपुर कहते थे वह मणिपुर रहा ही नहीं। उन्होंने कहा कि कोने-कोने में नफरत फैली। लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा। भाई-बहन, माता-पिता आंखों के सामने मरे। आज तक देश के प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोछने, आपसे गले लगने और हाथ पकड़ने नहीं आए। यह शर्म की बात है। शायद मोदी जी के लिए, बीजेपी और आरएसएस के लिए मणिपुर हिंदुस्तान का हिस्सा ही नहीं है। आपका जो दुख-दर्द है, उनका दुख-दर्द नहीं है।

राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने वह खो दिया है जिसे आपने महत्व दिया है, लेकिन हम जिसे आपने महत्व दिया है उसे एक बार फिर से ढूंढेंगे और इसे आपके पास वापस लाएंगे। हम मणिपुर के लोगों के दर्द को समझते हैं। आप जिस हानि और दुख से गुजरे हैं, हम उस चोट को समझते हैं। हम आपसे वादा करते हैं कि हम वह सब वापस लाएंगे जिसे आपने महत्व दिया है, हम वह सद्भाव, शांति, स्नेह वापस लाएंगे जिसके लिए यह राज्य हमेशा से जाना जाता है।

अपने संबोधन में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा हाइब्रिड मोड में करने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को भी पैदल करना चाहता था जैसा कि हमने पिछले साल किया था। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पैदल चलने में ज्यादा समय लग जाता, इसलिए, कांग्रेस पार्टी ने इस यात्रा को हाइब्रिड मोड में करने का फैसला किया। बता दें कि यह यात्रा 67 दिनों में 110 जिलों से होकर 6,700 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।

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