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18 साल के बाद भारत में दिखेगा शनि का चंद्रग्रहण, चंद्रमा की ओट में छिपेगा शनि

24 जुलाई की रात करीब 9 बजकर 30 मिनट पर चंद्रमा पूर्व में उदित होकर जब आगे बढ़ेगा

Saturn lunar eclipse : सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटनाएं हर साल चार-पांच बार देखने को मिलती हैं, लेकिन आज शनि को ग्रहण लगने जा रहा है। भारत में यह घटना 18 साल बाद दिखाई देगी। दरअसल, अंतरिक्ष और उससे जुड़ी स्थितियों के बारे में रुचि रखने वाले लोगों को आज रात आसमान में दुर्लभ खगोलीय घटना देखने का अवसर मिलने जा रहा है।

शनि और पृथ्वी के बीच चंद्रमा

खगोल वैज्ञानिक के अनुसार 24 जुलाई की रात करीब 9 बजकर 30 मिनट पर चंद्रमा पूर्व में उदित होकर जब आगे बढ़ेगा तो मध्यरात्रि को 11 बजकर 57 मिनट पर वह रिंग वाले सौरमंडल के छटवें ग्रह शनि को अपने आगोश में ले लेगा। चंद्रमा, शनि और पृथ्वी के बीच में आकर पृथ्वी के एक सीमित भू-भाग से शनिदर्शन में बाधक बनेगा। शनि और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आकर ग्रहण की स्थिति बनाएगा। उन्होंने बताया कि इसे शनि का चंद्रग्रहण कहा जा रहा है, जबकि यह खगोल विज्ञान में लुनार आकल्टेशन ऑफ सेटर्न कहलाता है।

भारत में कब दिखेगा शनि ग्रहण

यह घटना बुधवार विश्वस्तर पर मध्य रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से आरंभ होकर रात्रि 3 बजकर 57 मिनिट पर समाप्त होगी। भारत में इसे मध्यरात्रि 12 बजकर 50 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक अलग-अलग स्थानों में देखा जा सकेगा। दिल्ली सहित भारत के उत्तरी पश्चिमी राज्यों में यह नहीं दिखाई देगा, लेकिन मध्य प्रदेश सहित दक्षिणी एवं पूर्वी भारत में देखा जा सकेगा।

लगभग 18 साल बाद भारत में इसे देखा जा सकेगा

इसके पहले भारत में इस घटना को 2 फरवरी 2007 को देखा गया था। इस तरह लगभग 18 साल बाद भारत में इसे देखा जा सकेगा। इस समय चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3,64,994 किलोमीटर दूर होगा, तो शनि की पृथ्वी से दूरी लगभग 134 करोड़ किलोमीटर होगी। दूरी में इतना अंतर होते हुए भी आकाश में इनकी स्थिति इस प्रकार होगी कि पृथ्वी के एक निश्चित भू-भाग से देखने पर चंद्रमा, शनि ग्रह को ढकता सा नजर आएगा। बादलों के कारण अगर आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को नहीं देख पाते हैं तो निराश मत होइए, आगामी 14 अक्टूबर के स्वच्छ आकाश में इसे फिर देखा जा सकेगा और वह भी पूरे भारत में।

 

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