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कोरबा लोकसभा : दो महिला दिग्गजों के बीच होगा मुकाबला, कांग्रेस ने ज्योत्सना पर इसलिए फिर जताया भरोसा

उनका मुकाबला भाजपा की डा. सरोज पाण्डेय से होगा

कोरबा, 08 मार्च। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की 11 में 6 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने कोरबा लोकसभा (Korba Lok Sabha) सीट से श्रीमती ज्योत्सना महंत (Jyotsna Mahant) पर फिर भरोसा जताया है। उनका मुकाबला भाजपा की डा. सरोज पाण्डेय (Dr. Saroj Pandey) से होगा।

2019 के चुनाव में ज्योत्सना महंत ने भाजपा उम्मीदवार ज्योतिनंद दुबे को पराजित कर सांसद का ओहदा हासिल किया था। उस दौरान कोरबा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली रामपुर और पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र ने ज्योत्सना महंत को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा के मुकाबले 98 हजार 194 वोटों से पीछे रही। भाजपा को छह सीटों पर बढ़त मिली, जबकि कांग्रेस केवल रामपुर विधानसभा क्षेत्र में जीत सकी। डा. सरोज पाण्डेय टिकट मिलने के दूसरे दिन कोरबा में कहा था कि मैदान पर कांग्रेस है ही नहीं। दूसरी ज्योत्सना महंत भी सरोज पाण्डेय को कोई चुनौती नहीं मान रही हैं।

ज्योत्सना पर फिर से क्यों जताया भरोसा

कांग्रेस ने सीटिंग एमपी ज्योत्सना महंत को फिर से चुनावी मैदान पर उतार दिया है। दरअसल कोरबा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस से दावेदारी नहीं के बराबर थी। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का नाम चर्चा में रहा, लेकिन श्री अग्रवाल ने दावेदारी नहीं की थी। बताया गया कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने के कतई इच्छुक नहीं थे। डा. चरणदास महंत को लेकर कहा गया कि वे कोरबा सीट से प्रत्याशी हो सकते हैं। डा. महंत इस समय विधानसभा में नेता प्रतिप़क्ष हैं। कांग्रेस से जो पैनल बना उसमें ज्योत्सना सहित डा. चरणदास महंत और जयसिंह अग्रवाल का नाम था।

भाजपा से दावेदार नेता हैं नाराज

भाजपा ने अपनी वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डा. सरोज पाण्डेय को कोरबा से टिकट जरूर दे दिया है, लेकिन स्थानीय नेताओं में पार्टी के इस फैसले को लेकर थोड़ी नाराजगी देखने को मिली रही है। हालांकि कोई भी नेता खुलकर नाराजगी जाहिर नहीं कर रहा है। कोरबा और कोरिया क्षेत्र के उन नेताओं को टिस है जो टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे।

भाजपा को विधानसभा चुनाव में मिली है 6 सीटों पर बढ़त

भाजपा छत्तीसगढ़ राज्य की सभी 11 सीटों पर विजय का परचम लहराने की जुगत में है। कोरबा लोकसभा एक ऐसी सीट, जिसे 2019 के चुनाव में भाजपा ने गंवा दिया था। बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कोरबा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली आठ में छह सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने कोरबा जिले में स्थित चार विधानसभा में कोरबा, कटघोरा को जीता। पार्टी को कोरबा से 25,629 तथा कटघोरा से 16,900 मतों की बढ़त मिली। भाजपा ने कोरिया जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कब्जा किया। पार्टी को भरतपुर- सोनहत से 14,919, बैकुंठपुर से 25,413 एवं मनेन्द्रगढ़ से 11,880 वोटों के अंतर जीत मिली। बिलासपुर जिले की मरवाही सीट पर भाजपा ने 12,078 वोटों की बढ़त हासिल की। इन छह सीटों पर भाजपा की कुल बढ़त 96 हजार 819 मतों की रही। भाजपा के मुकाबले कांग्रेस 98 हजार 194 वोटों से पीछे रही। कांग्रेस को केवल कोरबा जिले की रामपुर सीट पर ही जीत मिली। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने पाली तानाखार क्षेत्र अपने नाम किया। भाजपा ने मिली 96 हजार 819 मतों की बढ़त की बदौलत आस लगी रखी है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी जीत का परचम लहराएगी।

दो बार कांग्रेस, एक बार भाजपा ने जीती है सीट

कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए अब तक तीन बार 2009, 2014, 2019 में चुनाव हुए हैं। इसमें 2009 और 2019 का चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार डा. चरणदास महंत और ज्योत्सना महंत ने जीता। 2014 में भाजपा के डा. बंशीलाल महतो को विजय मिली थी। छतीसगढ़ में कोरबा व जगदलपुर लोकसभा सीट पर भाजपा को 2019 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

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