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किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग को अपराध की दी अनोखी सजा, रेलवे यात्रियों को एक महीने पिलाना पड़ेगा पानी

जालौन में किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) के द्वारा एक सजा सुनाई गई है जो कि काफी चौंकाने वाली है। घर में घुसकर लोगों संग मारपीट करने के मामले में दोषी मानते हुए किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट ने किशोर को एक माह की सजा दिलाई है। वह भी सजा, केवल स्टेशन पर यात्रियों को पानी पिलाने की है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी बाल अपचारी को रेलवे स्टेशन पर समाजसेवा की सजा से दंडित किया गया हो। आरपीएफ इंस्पेक्टर अभिषेक यादव के मुताबिक पूर्वाह्न दस से शाम छह बजे तक किशोर निरंतर थाने के सामने स्टाल लगाकर पानी पिलाकर यात्रियों की सेवा कर रहा है।

दरअसल घटना 2021 की है। शहर के इकलासपुरा के रहने वाले एक किशोर का पास में ही रहने वाले लोगों से किसी बात को लेकर वाद विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि तैश में आकर उसने घर में घुसकर मारपीट कर दी। घटना के वक्त वह नाबालिग था। जब मामला कोतवाली पहुंचा तो विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और उसके बाद मामला किशोर न्याय बोर्ड चला गया, तब से लगातार उस मामले की सुनवाई हो रही थी।

करीब तीन साल के बाद अब किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट अनुकृति संत ने किशोर को सुधार का मौका देते हुए एक माह के लिए समाजसेवा करने (रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पानी पिलाने की सजा) का फैसला सुनया है। आरपीएफ उरई थाने को सुपुर्द किया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरपीएफ ने स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक थाने के सामने मटका रखवाकर ट्रेनों से आने, जाने वाले यात्रियों को पानी पिलाने की व्यवस्था की है। हर 15 दिन में मामले की पूरी रिपोर्ट करने के निर्देश भी आरपीएफ को दिए गए हैं।

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