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भारत के गुकेश बने सबसे युवा शतरंज वर्ल्ड चैंपियन, चीनी खिलाड़ी को हराकर रचा इतिहास

चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के अंतर से हराया

18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने आज गुरुवार को सिंगापुर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप (chess world champion) जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के अंतर से हराया और इसी के साथ ही गुकेश विश्व के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए। इससे पहले 1985 में रूस के गैरी कैस्परोव ने 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था।

गुकेश ने 14वें और निर्णायक गेम में जीत दर्ज कर यह खिताब अपने नाम कर लिया। 25 नवंबर को शुरू हुए फाइनल में दोनों खिलाड़ियों ने 13 गेम खेले, जिनमें स्कोर 6.5-6.5 की बराबरी पर था। 14वें गेम में गुकेश ने शानदार खेल दिखाया और 1 पॉइंट की बढ़त के साथ जीत हासिल की।

भारत के दूसरे वर्ल्ड चेस चैंपियन बने गुकेश

भारत के दूसरे वर्ल्ड चेस चैंपियन बने हैं। उनसे पहले 2012 में विश्वनाथन आनंद ने यह खिताब जीता था। 17 साल की उम्र में गुकेश ने FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था, जिससे उन्हें इस चैंपियनशिप में जगह मिली। फाइनल के 11वें गेम के बाद गुकेश 6-5 से आगे थे। हालांकि, डिंग लिरेन ने 12वें गेम में वापसी की और स्कोर बराबर कर दिया। 13वें गेम में मुकाबला ड्रॉ रहा। आखिरी गेम में गुकेश ने डिंग को मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया।

गौरतलब है कि इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में दो एशियाई खिलाड़ी आमने-सामने थे। खिताब जीतने पर गुकेश को 20.86 करोड़ रुपये (2.5 मिलियन यूएस डॉलर) का इनाम मिलेगा।

गुकेश का सफर

चेन्नई के रहने वाले गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। उनका जन्म 7 मई 2006 को हुआ था। गुकेश ने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू क दिया था। उनके पहले कोच भास्कर नागैया रहे, जो खुद एक इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी हैं। बाद में विश्वनाथन आनंद ने भी उनकी कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर और मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं।

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