पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के मामले को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी के दावे के बाद फिल्म स्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) का बयान आया है। शाहरुख खान ने स्पष्ट किया है कि कतर की जेल से रिहा होकर भारत पहुंचे पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई में उनका रोल नहीं है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा- पूर्व नौसैनिकों की वापसी पूरी तरह से भारत सरकार की डिप्लोमैटिक विक्ट्री है।
यह काम हमारे काबिल नेताओं और अफसरों ने किया है। शाहरुख खान ने भी कतर से पूर्व भारतीय सैनिकों की रिहाई से खुशी जाहिर की है।
दरअसल भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने दावा किया था कि विदेश मंत्रालय और एनएसए अजीत डोभाल 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई में नाकाम रहे थे। इसके बाद मोदी ने शाहरुख खान से इस बारे में मदद मांगी थी। इसके बाद कतर के साथ इस मामले में महंगा सेटलमेंट हुआ।
कतर में पिछले साल मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को को कतर सरकार ने रिहा कर दिया है। इनमें से 7 सोमवार तड़के भारत लौट आए। इनकी सुरक्षित वतन वापसी किस शर्त पर हुई, इस बारे में कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है।
क्या है पूरा मामला
- आठों भारतीय दोहा में रक्षा सेवा प्रोवाइडर कंपनी अल दहरा में थे।
- इन्हें 30 अगस्त 2022 को कतर की इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार किया था।
- जासूसी के आरोप लगाए गए। 26 अक्टूबर 2023 को लोअर कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।
- दिसंबर में मोदी ने दुबई में कतर के अमीर शेख से मुलाकात की।
- 28 दिसंबर 2023 को मुलाकात का असर दिखा। फांसी की सजा उम्रकैद में बदल दी गई।
- सजा के खिलाफ अपील के लिए 60 दिन थे, लेकिन पहले ही रिहा।